घास पर ओस-ही-ओस है।
हरी
खट्टी
मीटी
हीरों का हार बहुत ही खूबसूरत है।
चमकते
लाल
सीधा
आकाश बादलों से आच्छादित है।
धरती
काले
मिट्टी
कवि ने ओस का बहुत ही वर्णन किया है।
आकर्षण
सुनहरा
सुंदर
बगीचे में फूल हैं।
बहुत
अच्छे
रंग-बिरंगे
रात भर चलकर वह में घर पहुँचा।
दिन
ज़मीन
भरा
प्रकृति जहाँ फूल खिलाती है वहीं भी उगाती है।
काँटे
खाली
खुशी
आकाश में उड़ते पंछी को पर ही ठिकाना मिलता है।
गम
फूल
आज उसकी खुशी ने सारे भुला दिए।
रात
पानी से भरा घड़ा हो गया।