संस्कारों जीवन व्यर्थ है।
से
के बिना
आज रविवार है स्कूल बंद है।
इसलिए
ताकि
बहुत अच्छा चित्र बनाया।
धत्!
शाबाश!
दादी मंदिर जाती हैं।
प्रतिदिन
के
मैं घूमने जाउँगा।
ने
भी
मुझे तो पढ़ना है तुम सो जाओ।
चाहे
वह विद्यालय गया है।
की ओर