कर्ता और कर्म कारक क्रिया के सबसे पास होते हैं।
कम
अधिक
कभी-कभी वाक्य में कर्ता और कर्म दोनों से अलग की प्रमुखता होती है।
विशेषण
भाव
कर्तृवाच्य में क्रिया का सीधा संबंध के साथ होता है।
कर्ता
कर्म
यदि कर्म पुल्लिंग है तो क्रिया का लिंग भी ही होगा।
पुल्लिंग
स्त्रीलिंग