द्वंद्व समास के दोनों पद प्रधन होते हैं।
सही
गलत
द्विगु समास का पूर्व पद प्रधन नहीं होता।
बहुव्रीहि समास के दोनों पद मिलकर किसी अन्य अर्थ को बताते हैं।
वर्णों का मेल संधि कहलाता है।
नीलांबर कर्मधरय समास का उदाहरण नहीं है।
गजानन का अर्थ गणेश है।